वानी

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उसे जान से मार दूँगा

आर्यन चैप्टर 16


                     

अब तक आपने पढ़ा रणधीर और उसके पिता धर्मवीर जी की जान ले लेते है। और जिनी को धमकी देते हैं जिसके कारण जिनी आरव से कहती हैं कि वह उससे नफरत करती है और आरव उसे धमकी देकर वहां से चला जाता है और श्लोक जी रणधीर को वसीयत बताते हैं तो रणधीर भी उन्हें बताता है कि वह जिंदगी के 24 साल का होने पर पूरी होगी उससे पहले वह उसे मार देगा ।

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अब आगे

 रणधीर एक तिरछी मुस्कान के साथ कहता है "जिनी को मुझसे कौन बचाएगा"

श्लोक जी उसके सामने खड़े होते हुए कहते हैं "उसे तो हम बचा लेंगे, तू अपनी सोच"
तभी रणधीर तेज़ आवाज़ लगाते हैं और कुछ लोग अंदर आ जाते हैं

उन्हें देखकर कर्मवीर जी, और श्लोक जी दोनों ,उनसे लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं 

जिनी कोने में खड़ी रो रही थी तभी वहां कौशल्या जी आती हैं...और उसे वहां से सबकी नजरों से बचाकर पीछे वाले दरवाजे की तरफ ले जाती है और उसे समझाते हुए कहती हैं 
"बेटा यह कुछ पैसे हैं ,और एड्रेस है तू यहां चली जा, वहां से आरव को ढूंढ कर उसके पास चली जाना बस वही है, जो तुझे बचा सकता है"

 जिनी रोते हुए कौशल्या जी से कहती है "लेकिन मां ताऊ सा मुझे क्यों मारना चाहते हैं? मैंने उनका क्या बिगाड़ा है?"

कौशल्या जी जीनी को गले लगा लेती हैं, और उसका सर सहलाते हुए कहती हैं "उनकी आंखों पर दौलत की पट्टी बंधी है लाडो, तू चली जा यहां से, बहुत दूर चली जा, नहीं तो यह लोग तुझे मार देंगे"

 जिनी रोते हुए कहती हैं "लेकिन मां आप सब"

 कौशल्या जी अंदर की तरफ देखते हुए कहती हैं "कुछ नहीं होगा तू बस यहां से चली ज, और उसे बाहर की तरफ धक्का दे देती हैं"

 जिनी एक बार पलट कर अपनी मां को देखती है फिर वहां से भाग जाती है। वह थोड़ी दूर गई ही थी कि ,उसे गोलियों की आवाज आती है वह वापस महल की तरफ बढ़ने लगती हहै, भी अपनी मां की बात याद कर वहां से चली जाती है...... 

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प्रेजेंट

 जिनी सारी कहानी बताने के बाद रोने लगती है वहीं आर्यन की आंखें इस वक्त गुस्से में लाल थी, उसे गुस्सा आ रहा था, खुद पर भी और उन लोगों पर भी जिसने उसकी जिनी को तकलीफ दी।

आर्यन जिनी को कुछ पल देखता है फिर कहता है "तुम उसके बाद इतने साल कहां थी"

 जिनी एक नजर आर्यन को देखती है फिर उठते हुए कहती हैं "मैं अपने नानू के पास थी, कुछ साल पहले वह चल बसे तो मैं दिल्ली आ गई ,और यहां काम की तलाश ,करने लगी तब मुझे मेरी एक दोस्त ने आपकी कंपनी के बारे में बताया, और आपको जैसी लड़की चाहिए थी मैं वैसी थी, इसलिए मैं अपनी किस्मत आजमाने आ गई"

 फिर एक नजर आर्यन को देख अपनी नजरें झुकाते हुए कहती हैं "और इस बार मेरी किस्मत मेरा साथ दे गई"

इतना कहकर जिनी वहां से जाने लगती है ,वह दरवाजे तक ही पहुंची थी कि आर्यन उसे आवाज देता है "अगर किस्मत ने तुम्हारा साथ दिया है, तो जा क्यों रही हो"

जिनी अपनी नजरें झुकाते हुए कहती हैं "मुझे भूख लगी है"

 इतना कहकर वह किचन में चली जाती हैहै, और खाना बनाने लगती है ,आर्यन उस तरफ देखते हुए गुस्से में खुद से ही कहता है ,"बहुत रो ली तुम अब बस ,अब तुम नहीं अब वो रोएंगे जिन्होंने मेरी जिन की आंखों में आंसू दिए हैं"

 आर्यन भी उसके पीछे किचन में आ जाता है, जिनी खाना बनाते हुए भी रो रही थी, उसके आंसू रुक ही नहीं रहे थे, आर्यन जब उसे ऐसे बिखरता हुआ देखता है, तो उसे बहुत बुरा लगता है 

आर्यन कुछ पल उसे देखता है फिर उसके करीब चला जाता है ,और अपने हाथ धीरे-धीरे उसकी कमर से होते हुए पेट पर ले आता है। और उसे बाहों में भर लेता है

 उसका एहसास होते ही जिनी अपनी आँखे बंद कर लेती है, फिर और ज्यादा रोने लगती है, उसकी ऐसी हालत देख आर्यन को तकलीफ हो रही थी ,इतनी तकलीफ उसे शायद 100 खंजर लगने पर भी नहीं होती।

वह जिनी को अपनी तरफ पलटता है और उसके आंसू पोछते हुए कहता है "अब बस रोना बंद करो, अब तुम्हें कोई नहीं रुलाएगा, मैं हूं ना मैं सब ठीक कर दूंगा"

 जिनी उसके गले लग जाती है , उसके दोनों हाथ आर्यन के सीने पर थे, वो रोते हुए कहती है "उन्होंने हमारे माँ पापा को मार दिया, मार दिया उन्होंने"

आर्यन उसे अपनी बाहों में भर लेता है और वह उसे बहुत समझाने की कोशिश करता है लेकिन जिनी लगातार, रोए जा रही थी ,उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे ,तभी कुछ सोचकर वह जिनी को खुद से अलग करता है ,और गोद में उठा लेता है ,जिनी अपना चेहरा उसके सीने में छुपा लेती है, आर्यन उसे कमरे में लाता है और बेड पर लेटा देता है..... 

जिनी उसे अपनी नम आंखों से देख रही थी ,आर्यन उसके बगल में लेट जाता है ,और कुछ पल की खामोशी के बाद वह जिनी की तरफ मुड़ता है और उसे कमर से पकड़ कर अपने करीब कर लेता है

 और उसकी आंखों में देखते हुए कहता है "जब मैं तुम्हारे साथ हूं तो तुम्हारी आंखों में आंसू नहीं आने चाहिए, तुम्हें जो करना है करो मैं तुम्हें कभी नहीं रोकूंगा, लेकिन खबरदार जो आज के बाद तुम रोई" 

 जिनी मासूम सी शक्ल बनाकर नाक सिकोड़ते हुए कहती है "और अगर मुझे किसी ने रुलाया तो? "

आर्यन उसकी कमर पर अपनी पकड़ कसते हुए कहता है"तो मैं उसे जान से मार दूंगा"

क्या मोड़ लेने वाली है कहानी? क्या अंजाम होगा दोनों की मोहब्बत का ? क्या सब ठीक है या फिर तूफान से पहले की शांति ? 

जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी आर्यन इश्क की अनोखी दास्तां मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए 
                  बाय बाय
                     वानी

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